पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-2

पिछले भाग मेरी पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-1 में आपने पढ़ा:

  यह भी सोचा यही एक बढ़िया रास्ता इससे बचने का । लेकिन वह आदमी भी तो बहुत शातिर था उसे तो इसकी सील पैक चूत चाहिए थी । 2 दिन तो इसी तरह बचती रही।   तीसरे दिन वह आदमी अपने ऑफिस से बहुत पहले  आ गया ।और उसके रूम पर पहुंच गया जिस समय वह उसके रूम पर पहुंचा और उसमें कॉलेज से आई थी।  और संजोग से रूम नहीं बंद की थी दरवाजा सटाकर कपड़े बदल रही थी।  यह  साथ मे  खाने-पीने के सामान पेन किलर कंडोम साथ मे लेकर आया।

 और इसके रूम में डायरेक्ट घुस गया यह तो जैसे वह हर बड़ा  गई डर गई ।  यह कॉलेज से आई थी तो शर्ट को निकाली और टॉप पहनने वाली थी । लेकिन स्कर्ट नहीं बदली थी । डर उसके चेहरे पर साफ देखा जा सकता था।यह आदमी दरवाजे की चिटकनी लगा दिया सारा सामान टेबल पर रख दिया उसकी ओर बढ़ने लगा ।  बड़ी ही कुटिल मुस्कान के साथ , वह धीरे-धीरे पीछे जा रही थी उसके चेहरे पर डर साफ दिख रहा थ लेकिन अब उसे विश्वास हो चुका था आज यह राक्षस मुझे छोड़ने वाला नहीं । धीरे धीरे यह आदमी में उसके पास जा रहा था लेकिन उस कमरे की भी अपनी सीमाएं थी । वह सीमाएं खत्म होने को थी । और दिबाल में सट गई बिल्कुल ।और यह आदमी बड़ी कुटिल मुस्कान के साथ उसकी और पास गया रहे अभी दीवाल में सट गया । और उसके हाथ को पकड़ा अपने दोनों हाथ से उसके दोनों हाथ को उसके पास उसके कान के पास अपने को ले गया।  और बोला देखो तुम जवान हो तुम्हें भी चाहिए होगा लंड । नहीं चाहिए  होगा फिर  भी मैं आज दुगा ।


  मुझे तुम बहुत पसंद हो मैंने तुम्हें मनाने की हर कोशिश की ।   लेकिन तुम नहीं मानी और तुमने उस दिन मुझे थप्पड़ भी मारा था फिर भी मैंने तुम्हें माफ कर दिया।  और तुम जानती हो कि अभी क्या होगा तुम समझदार भी हो।अगर तुम भी इस पल को इंजॉय करना चाहती हो तो  मेरा साथ दो । नहीं तो मैं तो करके रहूंगा अगर यह तुम्हारे पहली बार होगा तो बहुत दर्द होगा । और बहुत कष्ट होगा उसमें।  लड़की अपने आप को बचाने के लिए एक और चाल चली। और बोली मैं तो आपकी बेटी के समान हूं तो आदमी बोला तो मेरी बेटी नहीं हो ना बस । इस बात से वह समझ चुकी थी कि यह छोड़ने वाला नहीं । चुकी कॉलेज में अपने दोस्तों से अपने ग्रुप के दोस्तों से सुन चुकी थी की चुदाई में कितना आनंद होता था । मन तो शायद इसका भी मचलता होगा लेकिन इसका सोचता कि पहली बार हक हस्बैंड का होता है इसीलिए अपने आपको बचा कर रखी थी ।अब यह  बिल्कुल चिपक गया था  ।  उसकी चूची इसके छाती से स्पर्श कर रहे थे । और इसका तना हुआ लंड उससे चिपक रहा था और वह सोच रही थी अगर कितना भी विरोध करेंगे तो यह छोरेगा   नहीं । बेहतर है कि इस पल को इंजॉय किया जाए और आगे से इस से बच के रहेंगे।


 इतने में वह आदमी अपना होंठ उसके होठों पर रख दिया और उसे किस करने लगा ।  और वह मानो   इन हमलों के लिए तैयार नहीं थी । उसकी आवाज उसके मुंह में दबी रह गई वह इसे धक्का तो देना चाहती थी लेकिन उसके मजबूत पकड़ से दूर नहीं हुई फिर भी यह विरोध तो करना चाह रही थी लेकिन विरोध नहीं कर पाई । धीरे-धीरे किस करने के बाद अपने  आप सोच ली की आज यह मुझे छोड़ेगा नहीं। उसके मन में यह भी चल रहा था फिर भी एक उम्मीद थी कहीं छोड़ दे इसलिए वह हल्का-हल्का विरोध कर रही थी । लेकिन धीरे-धीरे उसका विरोध दबता चला गया और किस में भी अब वह धीरे-धीरे आप साथ देने लगी ।चुकी ऊपर से तो वह सिर्फ ब्रा में थी टॉप भी नहीं पहनी थी कॉलेज से आई थी। अब इसका विरोध खत्म हो गया यह आदमी उसे किस करता रहा उसके दोनों हाथों को छोड़ दिया और ब्रा का हुक खोला और ब्रा निकाल कर फेंक दिया ।धीरे-धीरे उसके अंदर भी उत्तेजना जाग रही थी।  अब वह चुंबन करने में उसका साथ दे रही थी   धीरे-धीरे लगी नहीं रहा था वह इस आदमी का इतने दिनों से विरोध कर रही थी । अब उसे मज़ा आने लगा था वहां आदमी उसके छोटे-छोटे चुची को दोनों हाथ पकड़ लिया   और धीरे-धीरे दबाना शुरू किय और उसके साथ कभी अपनी जीभ उसके मुंह में देता तो कभी उसकी जीव अपने मुह मे ।  इस के आगोश में अपने आप को समर्पण कर चुकी थी उसके लिए या पहला चुंबन था जिसे वह अब खो चुकी थी।  कि इस पल को पूरा इंजॉय किया जाएगा उसकी चूची को दबाते दबाते वह आदमी उसकी आंखों में एक बार जाकर शर्म से आंखें नीचे कर ली ।और कहने लगी कि जैसे मैं समर्पण कर चुकी हूं।  

आदमी यह समझ चुका था कि उसकी चूत तो आज मेरे लंड के नीचे आ जाएगी । तब वह आदमी फिर से उसके होठों को जोर से चुसा।  और उसकी चूची को फिर से दबाया धीरे-धीरे इस हार्ड  चुसाई में अब वह भी उसका साथ देने लगी है।और इसका हाथ जो कि पहले विरोध के स्वर में था अब उस आदमी के माथे पर आ गई । और उसे उम्र का भी अब कोई ख्याल नहीं रहा जो पहले यह सोचती थी की कोई भी पहली बार मेरे साथ करेगा तो मेरा हस्बैंड होगा । जो मेरी उम्र का होगा लेकिन अब तो या उसके मुंह से दोगुनी उम्र का आदमी था   और चूसने के बाद याद में धीरे-धीरे इसके गर्दन पर किस करने लगा बड़े प्यार से ।  आप जब समर्पण कर ही चुकी है तो इसके साथ प्यार से किया जाए। अंकल  सोच रहा था कि   और 10- 12 दिन बाकी है उसको तो 10-  12 दिन में इतना मस्त कर देना है कि क्या आगे भी दे । उसके बाद उसके चूची को चूसने लगा उसकी चूची जो भी छोटे-छोटे थे उसे भरपूर चूसने लगा। एक चूची पर उसका मुंह था दूसरे चूची पर उसका हाथ एक चूची दबाता तो दूसरा चूसता वह भी इसका आनंद ले रही थी । अपना हाथ  इसके माथे पर सहला रही थी ।जैसे कह रही हो की और जोर से चुसो । चुकी इसका यह पहली बार था तो यह खुल कर तो नहीं कुछ कह रही थी लेकिन अपने हाथों से यह एहसास दे रही थी।
 किसी तरह करते रहो अब तक यह सारा कार्य दीवाल से सटे हुए ही हो रहा था । धीरे धीरे यह आदमी नीचे गया है क्योंकि ऊपर से तो वह बिल्कुल नंगे ही थे । तो उसके पेट पर किस करते हुए इसके नीचे गया और इसके स्कर्ट को झटके से निकाल दिया ।और पैंटी के ऊपर से चूत पर एक किस दिया । यह तो जैसे  इंतजार में थी और इससससससससससस•••••••  करके बोली।  फिर वह धीरे-धीरे पेंटी को अलग किया और देखा कि चूत जो है सो झाट के बालों में उलझा हुआ है । वह उसे देख कर उत्तेजित भी हुआ वह उस पर हाथ फेरने लगा जैसे ही अपना उंगली ले गया हाथ लेने के लिए वह दोनों पैर को कस के भीचने लगी  । लेकिन यह आदमी भी बहुत बड़ा खिलाड़ी था । या उसके दोनों पैर को थोड़ा सा अलग किया और चूत को बड़े प्यार से देखा बालों को अलग करके दोनों फाको को भी और गुलाबी   सी चूत इसके  सामने थी।  धीरे-धीरे अपना जीभ निकाला , पहले उसकी ओर बड़ी नशीली नजरों से देखा और उसके गुलाबी चूत पर एक जीभ से साहलाया । उसकी चूत का गीलापन अपनी जीभ से महसूस किया । उसके लिए यह पहला एहसास था तो वह आदमी ने उसे संभाला फिर से उसके होंठों पर चुंबन दिया ।

और अपने बाहों में उठा कर उसे बिस्तर पर ले गया बिस्तर पर ले जाकर आराम से लेटा आया।  यह  कोई फुल हो अगर जोर से पटका तो मुरझा जाएगी । उसके बाद वह पहले से पूरा प्लानिंग करके आया था , तो उसे एक पेन क्लियर गोली दिया खाने के लिए।  जब तक वह गोली खाई तब तक अभी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया।  वह दवाई खाकर बिस्तर पर लेटी हुई इसे बड़ी हसरत से देख रही थी ।क्योंकि चुदाई की कहानियां वह अपने दोस्तों से सुन चुकी थी उसे अब और उत्तेजित हो रही थी। और सोच रहे थे कि जिस आदमी से खुद को बचा रही थी। आज देखो कैसा ऐसे दिया गया है मुझे कोई बचाने वाला नहीं है यह जालिम अगले कई दिनों तक पता नहीं मेरे साथ कितना चोदेगा।  मुझे इतना सोच भी रही थी और फिर यह सोच रही थी जब वह आदमी उसके बोर पर पहली बार अपने जीभ से स्पर्श किया था तो उसे एक अद्भुत आनंद हुआ था । तो यह भी सोच रही थी कितना आनंद होता है पर इतना आनंद आता था आता है।  तो पहले क्यों नहीं की इसमें इसकी भी क्या गलती नहीं थी । यह तो इशारा करता ही था मैं ही आगे बढ़ने के लिए नहीं देती थी। इस सोच में खोई हुई ही थी अचानक उसके होठों पर उस आदमी के होंठों का स्पर्श महसूस हुआ । और बड़े प्यार से उसके होठों को फिर से चूसने लगा जो लड़की आज तक अपने बुर में उंगली भी नहीं की थी आज वह किसी एक ऐसे आदमी के सामने नंगी पड़ी थी जो उसकी उम्र से दुख होना था।

उसके पापा का दोस्त भी था वह  उसके होठों को चूसने लगा कभी उसके होठों को काटता तो कभी चूसता कभी उसके चूची को दबाता।  यह सब करने से अब धीरे-धीरे उसके बुर में  और  ज्यादा हलचल होने लगी । लेकिन वह कुछ बोलना नहीं चाह रही थी ।लेकिन कब तक वह बर्दाश्त करती । यह  भी पक्का खिलाड़ी था धीरे-धीरे अब उसके चूची को चूसने लगा और चूची चूसते चूसते उसके मुंह में अपनी अंगूठा डाल दिया । वह भी अंगूठा को ऐसे चूसने लगी जैसे मान लो किसी बच्चे के मुंह में चॉकलेट दे दी गई हो ।बिल्कुल मदहोश हो गई थी इसके चुचे पर कभी वह जीव  पिराता तो कभी चूची के ऊपरी भाग निप्पपपपपपपपलल अपने दोनों होठों के बीच लेकर खींचता।   यह  आनंद भरे स्वर निकालती । ना चाहते हुए भी इसके अंकल का अंगूठा जो उसके मुंह में था उस पर हल्का सा दबाव लग जाता और जैसे उसके अंगूठे पर दबाव लगता यह और ज्यादा जोर से उसके चुचे को खींचता ।

दोनों उत्तेजित हो जाते बारी-बारी से दोनों चुचे पर कभी-कभी एक मीठी सी बाइक भी दे देता।  और यह भी इतनी मदहोश होते जा रही थी कि अपने हाथों से उसके चेहरे पर पूरा दबा रही थी माथे पर ।अब की चूत में जो हलचल हो रही थी और पानी पानी हो चुकी चुत की हलचल इसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी । यह उसके अंगूठे को अपने मुंह से निकालकर कपकपाते हुए स्वर में बोली ।अंअंअंकककल अंअंअंअंअंककककल नीचे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है । बहुत ज्यादा ऐसा लग रहा है कि कोई कीड़ा रिंग रहा है इसके अंदर  गीले हो चुके चूची पर एक बार अंतिम बार आओ जोर से चूसने से पागल हो गए थे जोर से चूसा। एक बार फिर बोली कि नीचे बहुत कुछ हो रहा है खुजली हो रही है । कृपया उसको शांत कीजिए ना तब इसके गीले हो चुके चूची को छोड़कर वह आदमी इससे पूछा कैसा लग रहा है । तुम्हें मजा तो आ रहा है न और इसे तरपाना पाना चाहता था । इसे एहसास दिलाना चाहता था कि तुमने क्या मिस किया ।  जैसे ही यह बात उससे पूछा तो जैसे पागल हो गई थी प्रतिउत्तर में चुम्मन उनके मुंह पर दे दिया । और लंबा चुंबन और बोलि नीचे को शांत कीजिए । यह आदमी उसे बुलवाना चाहता था ।
             

नीचे कहां वो शरमा गई बोली चूत पर । तो यह भी बड़ा जिद्दी आदमी था बोला चूत का जगह मुझे नहीं मालूम। तो अभी-अभी पूरा मजा लेना चाहती थी थोड़ा सा ऊपर गई या लेटा हुआ था और लेटे लेटे हैं इसके मुंह के पास अपनी चूत ले जाकर बोला   यह  रहा इसका एड्रेस वह अंकल उसकी चूत का महक पाकर एक आवाज निकाला आनंद का । और झाट से ढकी हुई चूत को देखकर और पागल हो गया ।  धीरे धीरे हाथों से झाट को हटाता गया और उसकी गुलाबी चूत फिर से दिखने लगी । इस बार वह उंगली नहीं ले गया इस बार डायरेक्ट अपने होटो को ले गया। और उसके चूत से निकले हुए पानी को अपने मुंह से स्पर्श किया और जीभ से। जिसकी  वजह से वह किसी दूसरी दुनिया में खो गई थी इसके इस कार्य से और इसके माथे पर अपना हाथ देखकर सहलाने लगी । अभी अब पागल हुए जा रही थी वह उसकी चूत चूसने में और जीभ से चोदने में व्यस्त था । यह आदमी कभी जीभ को नुकीली करके इसके चूत में अंदर करता   । चुत  तो बिल्कुल टाइट थी उसे आनंदपुर में दर्द की अनुभूति भी होते थे ।

लेकिन वह बिल्कुल आनंद के समंदर में गोते लगाते हुए इसका भी आनंद ले रही थी । ये इसका चूत चाट रही थे चूत चाट रहा था।  और अपने दोनों हाथों को ले जाकर उसकी मम्मो पर रख दिया ।  और उसे दबाने लगा दोहरे हमले से वह बिल्कुल अचेत हो गई । अब जो हाथ उसके सर पर था उसके सर से हाथ हटाकर या हाथ इसके हाथों पर रख दिया । और कहने लगी जोर से दबाओ मम्मे को यह भी उसकी चूची को जोर से दबाने लगा। यह इसकी चूत की चूसाई और चटाई कर ही रहा था थे फिर से उसका पानी छूटने पर आया । और बेसुध हो गई लेकिन इसके लिए तो यह एक कुमारी बुर का  प्रसाद की तरह था। और उसके सारे बुर के पानी को पी गया । एक बूंद भी बाहर आने नहीं दिया ।

लेकिन चूत की चुदाई करना नहीं छोड़ा उसे चूसता रहा । अपनी जीभ से कुरेदता रहा फिर से छुआ गर्म होने लगी तो अब बोली अंकल अब क्या कर रहे हो इतने दिन से जब रोक रही थी। तो पास आने की कोशिश कर रहे थे। अब जब कह रही हूं समर्पण कर चुकी हूं तब इतना तड़पा रहे हो चोद दो मुझे जल्दी चोदो में पागल हो जाऊंगी।  जब वह विनती करने लगी है तब वह उसके चूत से अपने मुंह को हटाया और अपना लंड को सहलाने लगा और उसी तरफ इशारा करते हुए बोला क्या तुम ऐसी चुसना नहीं चाहोगी वह बोली मुझे अच्छा नहीं लगता है पहली बार है क्या पहली बार में सब कुछ करवा लोगे । वह भी इस बात को समझा अब अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया रगड़ने लगा । इससे वह और उत्तेजित हो गई एक कुंवारी लड़की को चोदना बहुत ही मुश्किल भरा काम होता है। 

पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई कहानी जारी है.

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Photo of the Remarkables mountain range in Queenstown, New Zealand.
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