मुझे तुम्हे देखकर कुछ होता है

Hindi sex stories, kamukta मैं कुछ समय से बहुत ज्यादा परेशान चल रहा था क्योंकि मेरे घर में मेरी पत्नी और मेरे बीच हमेशा ही झगड़े होते रहते थे मेरी खुशी की कोई वजह नहीं थी हमारी शादी को इतने वर्ष होने के बाद भी हम दोनों जैसे एक दूसरे को समझ ही नहीं पाए थे। जब मेरी पहली बार मेरी पत्नी सुनीता से मुलाकात हुई थी तो मुझे लगा था कि सुनीता मुझे बहुत अच्छे से समझ पाएगी लेकिन जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हम दोनों के बीच हमेशा किसी न किसी बात को लेकर अनबन रहती। मैंने सुनीता को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन उसका रवैया तो बिल्कुल भी नहीं बदलता और वह हमेशा ही मुझसे झगड़ती रहती हालांकि हम दोनों जॉब करते हैं उसके बावजूद भी हम दोनों के बीच में बिल्कुल भी प्यार नहीं है मैं भी सरकारी नौकरी पर हूं और मेरी पत्नी सुनीता भी बैंक में नौकरी करती है।

सुनीता को मैंने कई बार समझाने की कोशिश की थी लेकिन अब मेरा समझाना भी उसके काम नहीं आने वाला था क्योंकि वह तो अब कुछ भी बात नहीं समझती थी और हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरीके से अलग हो चुके थे हमारे बीच में ना तो प्यार था और ना हीं ऐसी कोई खुशियां थी जिसकी वजह से हम दोनों खुश हो पाते। यह सब कुछ सुनीता की मां की वजह से ही हुआ क्योंकि सुनीता अपनी मां के साथ घंटों तक बात किया करती थी और मैंने उसे कई बार समझाया कि यदि हम दोनों के बीच में कभी कुछ ऐसी बात हो जाती है तो तुम अपने घर में मत बताया करो लेकिन वह तो जैसे मेरी बात को समझती ही नहीं थी। जब हमारे बीच में कोई भी छोटी सी लड़ाई होती तो वह अपने घर में बता दिया करती थी, अब मैं पूरी तरीके से सुनीता से अपने आपको अलग महसूस करता था। एक दिन मेरे दोस्त ने अपने घर में पार्टी रखी थी और उस दिन उसने वहां पर काफी लोगों को इनवाइट किया था मुझे नहीं मालूम था कि उस पार्टी में मेरी मुलाकात मीनाक्षी से हो जाएगी मीनाक्षी से जब मैं मिला तो उससे इतने वर्षों के मिलने के बाद भी वह बिल्कुल नहीं बदली थी और बिल्कुल पहले जैसी ही थी मीनाक्षी और मैं जब एक दूसरे से बात कर रहे थे तो मेरे दोस्त ने कहा क्या तुम एक दूसरे को पहचानते हो तो मैंने कहा मीनाक्षी और मैं एक साथ ही स्कूल में पढ़ा करते थे और हम दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते हैं।

मीनाक्षी ने मुझे अपने पति से भी मिलवाया और जब उसने मुझे अपने पति से मिलवाया तो वह दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे मीनाक्षी ने मुझसे पूछा क्या तुम्हारी पत्नी नहीं आई। मैंने उसे कहा दरअसल उसे पार्टियों में आना पसंद नहीं है इसलिए वह घर पर ही है लेकिन मैंने शायद मीनाक्षी से झूठ बोला था क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं था मेरे और मेरी पत्नी सुनीता के बीच में कोई भी बात नहीं होती थी जिस वजह से ना तो वह मुझे कुछ बताया करती और ना ही मैं उसे कभी कुछ बताता था इतने वर्षों बाद मुझे अच्छा लगा था और मैंने मीनाक्षी का नंबर ले लिया उस पार्टी में हम लोगों ने बड़ा एन्जॉय किया। मुझे घर जाने में भी बहुत देर हो चुकी थी सुनीता सो चुकी थी मैं भी घर पहुंचते ही सो गया क्योंकि अगले दिन मुझे जल्दी ऑफिस निकालना था। सुबह मैं जल्दी उठा और मैं ऑफिस के लिए निकल पड़ा मैंने नाश्ता भी नहीं किया था क्योंकि मुझे जल्दी ऑफिस जाना था इसलिए मैंने नाश्ता भी नहीं किया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा मैं जब ऑफिस पहुंचा तो वहां पर उस दिन कुछ ज्यादा ही काम था। एक दिन मुझे मीनाक्षी का फोन आया और वह कहने लगी सुमित तुम कहां हो? मैंने उससे कहा मैं तो अभी ऑफिस में हूं वह कहने लगी मुझे तुमसे मिलना था मैंने मीनाक्षी से कहा लेकिन क्या तुम्हें कोई जरूरी काम था तो वह कहने लगी हां मुझे एक जरूरी काम था और उसके लिए ही मुझे तुमसे मिलना था लेकिन क्या तुम अभी मिल सकते हो। मैंने उसे कहा अभी तो मेरा मिल पाना मुश्किल होगा क्योंकि मैं ऑफिस में हूं मैं तुम्हें शाम के वक्त मिलता हूं और मैं जब मीनाक्षी से शाम के वक्त मिला तो मीनाक्षी मुझसे कहने लगी मुझे दरअसल तुमसे कोई जरूरी काम था मैंने उसे कहा ऐसा क्या जरूरी काम था जो तुम मुझे फोन पर नहीं बता सकती थी वह कहने लगी मेरी छोटी बहन को तुम जानते ही हो मैंने उसे कहा हां उसे तो मैं अच्छे से पहचानता हूं।

वह मुझे कहने लगी उसके लिए मेरे पापा ने एक लड़का देखा है और शायद वह लड़का भी तुम्हारा परिचित है इसलिए मैं पूछना चाहती थी कि उस लड़के का नेचर और स्वभाव कैसा है मैंने मीनाक्षी से कहा आखिरकार वह लड़का कौन है जिसे मैं जानता हूं। उसने जब मुझे उसकी तस्वीर दिखाई तो मैंने उसे पहचान लिया वह हमारे किसी दूर के रिश्तेदार का बेटा है लेकिन उससे मेरी ठीक-ठाक बातचीत है और कभी कबार हम लोगों की फोन पर भी बात हो जाती है मैंने मीनाक्षी से कहा वह तो बहुत अच्छा लड़का है और तुम्हारे पापा मम्मी को उस पर पूरा भरोसा कर लेना चाहिए क्योंकि वह बहुत ही अच्छा लड़का है और मैं उसे काफी समय से जानता हूं। मैंने उसे कहा क्या तुम्हें और भी कोई काम था वह कहने लगी नहीं मुझे और कोई काम नहीं था बस मुझे तुम से यही पूछना था मैंने मीनाक्षी से कहा क्या तुम्हारी बहन की उसके साथ सगाई हो चुकी है तो वह कहने लगी हां उनकी सगाई बस एक-दो दिन में ही होने वाली है और इसीलिए मैं तुमसे पूछना चाहती थी क्योंकि मैंने जब तुम्हारे फेसबुक प्रोफाइल पर उस लड़के को तुम्हारी फ्रेंड लिस्ट में देखा तो मुझे लगा कि तुम उसे जरूर जानते होंगे इसलिए मैंने तुमसे पूछना ठीक समझा। मैंने मीनाक्षी से कहा ठीक है अभी मैं चलता हूं मुझे घर जाने के लिए देर हो रही है और मैं वहां से अपने घर चला आया कुछ समय बाद मीनाक्षी ने मुझे कहा तुम्हें मेरी बहन की सगाई में आना है।

मैं उसकी बहन की सगाई में चला गया उसकी बहन मुझे काफी समय से जानती है इसलिए उसने मुझे देखते ही पहचान लिया और कहने लगी आप तो बिल्कुल भी नहीं बदले हैं जैसे आप पहले थे आप आज भी वैसे ही हैं मैंने उसे कहा यह तो देखने वालों की नजरो में है। मैं और मीनाक्षी एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे उसके पति भी हमारे साथ में थे उसके पति से बात कर के मुझे लगा कि वह बड़े ही अच्छे व्यक्ति हैं क्योंकि उनके बात करने का तरीका और उनके हाव-भाव से लग रहा था कि वह बड़े ही सज्जन किस्म के व्यक्ति हैं। मीनाक्षी ने मुझसे उस दिन पूछा कि तुम आज अपनी पत्नी को नहीं लाये तो मैंने उस दिन उसे यह बात टाल दी लेकिन उसे शायद अब मेरी बात पर शक हो चुका था और उसने मुझ पर जोर देते हुए कहा की तुम्हारा रिलेशन तो अच्छे से चल रहा है। मैंने उसे कहा हां मेरा रिलेशन तो ठीक चल रहा है लेकिन तुम यह क्यो पूछ रही हो तो उसने मुझसे कहा लेकिन मुझे नहीं लगता कि तुम्हारा रिलेशन ठीक चल रहा है क्योंकि जिस प्रकार से तुम अपनी पत्नी को नहीं लाते या फिर उसकी बात सुनते ही तुम्हारे चेहरे का रंग उतर जाता है तो मुझे लग रहा था कि तुम्हारे बीच में कोई दिक्कत जरूर है। मैंने मीनाक्षी से कुछ नहीं कहा लेकिन उसे शायद इस बात का आभास हो चुका था कि मेरे और मेरे पत्नी के बीच में कुछ ठीक नहीं चल रहा और उसने मुझसे यह बात पूछ ली तो मैंने उसे बता दिया कि मेरे और मेरी पत्नी के बीच में रिलेशन बिल्कुल भी ठीक नहीं है इस वजह से हम दोनों कहीं भी साथ में नहीं जाते और उसे मेरे साथ कहीं जाना अच्छा नहीं लगता। वह मुझे कहने लगी लेकिन तुम्हें अपनी पत्नी को समझाना चाहिए था मैंने उसे कहा मैंने तो कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह समझती ही नहीं है।

मैंने मीनाक्षी से कहा अभी मैं चलता हूं मैं तुमसे कभी और मिलूंगा और मैं वहां से अपने घर चला आया। मीनाक्षी को मेरे रिलेशन के बारे में पता चल चुका था वह मुझे कई बार समझाने की कोशिश करती लेकिन मेरे रिश्ते उसके समझाने से ठीक नहीं होने वाले थे क्योंकि मेरे रिश्तो में अब बिल्कुल भी वह बात नहीं थी। कहीं ना कहीं मीनाक्षी ने मेरा साथ देना ठीक समझा, वह मुझे हमेशा कहती रहती सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन मेरे जीवन में कुछ भी ठीक होने वाला नहीं था परंतु मेरे लिए यह ठीक था कि मीनाक्षी मुझे समझती थी। उसने मेरा बहुत साथ दिया जब मैंने उससे सेक्स की मांग की तो वह मुझे मना करने लगी लेकिन मेरी भी कुछ इच्छाएं थी मैंने उसे मना लिया। वह मना ना कर सकी वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो गई एक दिन हम दोनों होटल मे चले गए, उस दिन मैंने मीनाक्षी के नरम होंठो का रसपान किया। उसके स्तनों का मैंने काफी देर तक रसपान किया, हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ गई थी मैंने मीनाक्षी के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया उसके स्तनों से मैंने दूध निकाल कर रख दिया।

मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो मीनाक्षी ने उसे अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करने लगी और मेरे अंदर का जोश बढने लगा। मीनाक्षी को मैने घोडी बना दिया और उसकी चूत के अंदर मैंने अपने लंड को डाल दिया उसके मुंह से चीख निकल पड़ी। जब उसकी योनि से आग निकलने लगी तो मेरे अंदर भी उत्तेजना बढ़ने लगी वह अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी जब वह मुझसे अपनी चूतडो को मिलाती तो मेरे अंदर का जोश बढ जाता और मैं बड़ी तेजी से उसे धक्के मारता। मैं उसे तेज गति से धक्के मारता मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था मीनाक्षी की योनि भी मैंने छिलकर रख दी थी। उसकी चूत से आग निकलने लगी और मेरे लंड से भी आग निकलने लगी जिसे हम दोनों ही बर्दाश्त ना कर सके और मेरा वीर्य गिर गया। जब मेरा वीर्य गिरा तो मैंने मीनाक्षी से कहा धन्यवाद तुमने मेरी इच्छा को पूरा किया, उसने मुझे कहा सुमित मुझे भी तुम्हें देखकर कुछ होता है इसीलिए तो मैंने तुम्हारे साथ सेक्स करने के लिए हामी भरी थी।

The post मुझे तुम्हे देखकर कुछ होता है appeared first on Antarvasna.



from Antarvasna https://ift.tt/352fHit
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments

Photo of the Remarkables mountain range in Queenstown, New Zealand.
Close Menu