पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई- 7

पिछले भाग मेरी पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-6 में आपने पढ़ा:

कल –  “मैं स्योर होकर तो नहीं कह सकता लेकिन मुझे अंदेशा है कि वह लोग भी तुम्हें चोदना चाहते हैं” ।लड़की – ” कौन”?  तो ऐसे ही दोनों आदमी का नाम बताएं तो, वह हंसने लगी बोली ” वह दोनों अंकल भी वे चोदना चाहते थे मतलब आप तीनों में कहीं कंपटीशन तो नहीं लगा है कि कौन मुझे पहले  पटाके चोदेगे  ” ।   अंकल – ” नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है,  सिर्फ मैं तुमसे खुल रहा था लेकिन उन लोगों की नहीं मालूम।  लेकिन हरकत देखकर लगता था” ।   लड़की  (वह अपने बुर को सहलाते हुए बोली ) – ” ”  मतलब दो और अनुभवी लंड इसमें जाएगा “” 😂😂😂😂                        और दोनों हंसने लगे लेकिन अंकल को अब थोड़ा सा उस पर सिंपैथी आ गई और बोले ”  तुम सोच कर बोलना क्योंकि अगर तुम नहीं चाहोगी तो मैं उन्हें बोलूंगा भी नहीं । और अगर एक बार स्टार्ट हो गए तो तुम्हें बस लेंगे खूब  मसल मसल कर चोद देंगे ” । लड़की – “जो ठीक है आप जैसा समझे लेकिन अभी नहीं पहले मुझे आपके साथ पूरा वक्त बिताना है , क्योंकि अपने पहली बार चोदा है मुझे , तो आप पर भी मेरा कुछ हक है । अभी मैं सिर्फ आपके लंड को ही इस चूत में भरपूर लेना चाहती हूं “”। इतना कहते हुए वाह अंकल के सीने से चिपक गई और उनके लंड को धीरे-धीरे सहलाने लगी । अब अंकल बोले कि क्या तुम आज कॉलेज नहीं जाओगी। तो वह बोली आज जाने का मन नहीं है , मैं भर दिन सोऊंगी ।  फिर रात में आपसे जी भर के कर चुदुंगी । तो अंकल बोले चलो फ्रेश हो जाते हैं तो वह बोली नहीं “मुझे लैंड चूसने दीजिए ना”  अंकल बोले फ्रेश हो लो तो वह जिद्द करने लगी ।मुझे प्लीज लंड थोड़ा देर ही चूसना है ,आपकी पानी नहीं निकाल लूंगी । 🍓👅👅👅उसके बाद आपसे एक बात कहनी है अंकल बोले बोलो तुम्हें तो वह बोली जी मैं चाहती हूं कि ” आज रात आप मुझे दुल्हन की तरह सजाकर चोदे “।  ताकि मेरी भी जो आशा थी पहली चुदाई की वह पूरा हो । खैर वह पहली चुदाई तो होगी नहीं ,  लेकिन अभी भी  मैं नई हूं बुर नया है तो मुझे आनंद आएगा।  अंकल समझ गए बोले तुम शाम को तैयार रहना मैं सारा सामान लेकर आ जाऊंगा । उसके बाद बोल अंकल का लंड मस्त रूप से चूसने लगी जैसे वह खा जाएगी।  उसके बाद अंकल उसे उठाकर ले गए बाथरूम दोनों स्नान किए उसके बाद अंकल ऑफिस चले गए और वह नाश्ता करके सो गई । सो कर उठे उठी स्नान करने के लिए गई और मन ही मन  मुस्कुरा रही थी ।  स्नान करने के बाद भी अंकल को याद करके और जब भी अंकल को याद करती तो उसका हाथ अपने आप उसके बुर पर चला जाता । वह आनंदित हो जाती वह अभी एकांत में थी तो इस रोमांच का और गहराई से कारण जानना चाहती थी। और वह खुद में नहीं सोच पा रही थी की मैं इतनी प्यासी थी लंड की।  और जो लड़की पहले कभी अपने बुर में उंगली नहीं की थी वह यह सोचते सोचते अपने बुर में उंगली करने लगती ।और उसे आनंद का भी अनुभव होता एकाएक फिर एकाएक उसके मन में ख्याल आया कि अंकल कहीं सच में तो ग्रुप में मेरी चुदाई नहीं करेंगे । इससे वह डरने की जगह और रोमांचित हो गई क्योंकि उस पर अब कामवासना इतना सवार हो चुकी थी ,की उसे चूत में सिर्फ लंड चाहिए था लंड । और वह उसको इंजॉय करना चाहती थी और फिर वह सोचि कि शायद सही ही कहा जाता है,  कि अगर हवस को दबाकर रखा जाए और अगर एक दिन वह हवस जाग जाए , तो फिर किसी भी हद तक जाता है ।
 
वही इसके साथ हो रही थी नहीं तो लड़कियां अंकल से चोदने के बाद उसमें भी कच्ची कली अभी बेहोश पड़ी रहती । अपने बिस्तर पर और यह  थी कि और ज्यादा रोमांचित हो रही थी। यह भी सोच रही थी कि ग्रुप में भी मेरी चुदाई होगी यानी अब मैं अपनी सहेलियों के बीच भी कह सकते हु, कि देखो मेरी बुर ने भी लंड ले लिया है अब मैं भी ग्रुप सेक्स करने को जा रही हूं ।  उसके मन में तरह-तरह के ख्याल आ रहे थे,  कि वह अपने सहेलियों से कहेगी देखो मैंने तुमसे बेहतर अपनी जिंदगी को एंजॉय कर रही हूं । मेरी बुर में लंड की कोई कमी नहीं है बिल्कुल तुम लोगों की तरह इतना सोचते सोचते उसने अपना स्नान पूरा किया । कपड़े बदल रही थी इन लगभग 20 घंटों में वह पहली बार कपड़े पहन रही थी । जब वह कपड़े पहनकर आईने में देखेंने लगी।  तो पता नहीं शारीरिक बदलाव हुआ कि नहीं लेकिन वह उसे महसूस करते हुए शर्म से आंखें झुका ली । और मन ही मन मुस्कुराने लगी और खुद से बात करते हुए बोलने लगी देखो तो कितनी खिल गई है।
इतने में उसका फोन बजा वह फोन उठाई तो अंकल उधर से बोले की लंच का आर्डर कर दिए हैं थोड़ी देर में पहुंच जाएगा । वह फोन रखी थोड़ी देर के बाद लांच आया और उसने लंच किया उसके बाद फिर अंकल को कॉल किया। अंकल की याद इसे आ रही थी तो पूछी क्या कर रहे हैं , तो अंकल ने भी रिप्लाई में दिया बस तुम्हें याद कर रहा हूं।  और वह अंकल को बोली कि आज याद है ना क्या करना है । तो अंकल बोले तुम फिकर मत करो मुझे सब याद है मैं सारे इंतजाम करके आऊंगा तुम एक काम करना मैंने तुम्हारे टेबल के ड्रा  में कुछ पैसे रखे हैं वह पैसे ले ले लेना और ब्यूटी पार्लर जाकर आना।
             
 वैसे तो वह ब्यूटी पार्लर जाती थी लेकिन बहुत कम 2 दिन पहले ही वह ब्यूटी पार्लर से वापस आए थे वह हफ्ते में या 15 दिन में एक बार जाती थी । तो इस बार जो ब्यूटी पार्लर गई तो उसकी जो  सर्विस वाली औरत थी या लड़की थी वह उसकी सर्विस करने लगी । और धीरे-धीरे उसे वहां पर नग्न कर दिया। जब शरीर का मालिश हो रही थी तो अब और ज्यादा आनंदित महसूस कर रही थी ।षजब उसने उसकी बुर को बुर में खुलापन देखा तो वह भी अपने आप को रोक नहीं सकी । क्योंकि उस ब्यूटी पार्लर की लड़की के साथ उसका दोस्ताना संबंध था। तो वह लड़की पूछ बैठी मैडम लगता है आप खुल गई हैं वह  शरमा गई ।

इस कहानी के सभी भाग इस प्रकार है :
पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-1
पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-2
पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-3
पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई- 4
पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई- 5
पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई- 6
पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई- 7





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Photo of the Remarkables mountain range in Queenstown, New Zealand.
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